महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया दूसरी बार टी-२० विश्व कप का खिताब जीतने इंग्लॅण्ड गयी है. इस बार इस टीम से से ऐसे उम्मीदें भी हैं. हालाँकि २००७ में धोनी और उनकी टीम से इतना उम्मीदें नहीं थी और नतीजा विश्व विजेता बनना रहा. परन्तु इस बार उम्मीदों का पहाड़ सा बन गया है जिसे पार करके फतह पाना धोनी और उनके धुरंधरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
यह अक्सर देखा गया है की हमारी टीम उम्मीदों के बोझ टेल घुटने टेक देती है. लेकिन धोनी की इस टीम के बारे में यह राय रखना पूरी तरह उचित नहीं रहेगा. इस टीम में हर वह खूबी मौजूद हैं जो एक विश्व विजेता में होनी चाहिए. परन्तु अनिश्चित्तावों के इस खेल में पहले से कुछ भी कह पाना आसान नहीं है. अब इस टीम से उम्मीदें तो बहुत हैं लेकिन इन पर खरा उतरना इन खिलाडियों का काम है. हम तो सिर्फ उम्मीद ही कर सकते हैं.
यह अक्सर देखा गया है की हमारी टीम उम्मीदों के बोझ टेल घुटने टेक देती है. लेकिन धोनी की इस टीम के बारे में यह राय रखना पूरी तरह उचित नहीं रहेगा. इस टीम में हर वह खूबी मौजूद हैं जो एक विश्व विजेता में होनी चाहिए. परन्तु अनिश्चित्तावों के इस खेल में पहले से कुछ भी कह पाना आसान नहीं है. अब इस टीम से उम्मीदें तो बहुत हैं लेकिन इन पर खरा उतरना इन खिलाडियों का काम है. हम तो सिर्फ उम्मीद ही कर सकते हैं.
2 comments:
sahi hai boss
kamal hai boss , ban gaye khel patrakar ****
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