कहते हैं कि प्यार सभी बंधनों और सीमाओं से परे है। कनाडा में शुरू हुई एक प्रेम कहानी के सुखद अंत ने एक बार फिर इसे सही साबित किया है। इस प्रेम कहानी में इंटरनेट का किरदार बेहद अहम रहा।
यह कहानी कनाडाई मूल की मुस्लिम युवती नाजिया काजी और भारतीय मूल के युवक बिजोर्न सिंहल की है। इन दोनों के प्यार की सुखद परणिति से पहले तमाम ऐसी रुकावटें और दिक्कते आईं जो अक्सर बॉलीवुड की फिल्मों में देखने को मिलती हैं।
नाजिया और बिजोर्न के बीच कनाडा में पढ़ाई के दौरान प्यार परवान चढ़ा लेकिन जल्द ही इनके प्यार को मानो किसी की नजर लग गई। नाजिया के वालिद काजी मलिक अब्दुल गफ्फार अपनी बेटी के प्यार के रास्ते में आ गए और उसे पूरे तीन साल तक घर में 'बंधक' बनाकर रखा।
गफ्फार सऊदी अरब में कार्यरत हैं इसलिए वहां के कानून की मदद से भी वह अपनी बेटी पर बंदिश लगाने में कामयाब रहे। परंतु नाजिया ने इंटरनेट के जरिए अपनी मदद की गुहार लगाई और कनाडा में उसके दोस्तो ने भी उसके समर्थन में अभियान छेड़ दिया।
नाजिया के जज्बे और दोस्तों के साथ से उसकी दिक्कतों को मीडिया ने प्रमुखता दी और देखते ही देखते यह प्रेम कहानी कनाडा और सऊदी अरब के अखबारों में छा गई। इसके बाद मानवाधिकार संगठन भी उसके समर्थन में आगे आए।
बिजोर्न और नाजिया की सबसे बड़ी जीत उस समय हुई जब इस साल के शुरुआत में दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए और पिछले सप्ताह यह प्रेमी जोड़ा दुबई में विवाह के पवित्र बंधन में बंध गया।
शादी के बाद 24 साल की नाजिया ने कहा, "अब मैं अपने पिता को माफ कर चुकी हूं। वह मुझे खुश देखना चाहते हैं। मेरे माता-पिता मुझे घर बसाते देखना चाहते थे। आज सभी खुश हैं।"
उधर, 29 साल के बिजोर्न का कहना है कि अब वह अपने ससुर के साथ सुलह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नाजिया से शादी करने के बाद उन्हें बहुत राहत मिली है।
सौ IANS