सानिया कभी तुम्हे सेरेना के सामने कोर्ट में रैकेट थामे देखकर बहुत फक्र हुआ था. उस वक्त फक्र महसूस करने की पहली वजह एक भारतीय होने की वजह से थी. परन्तु ख़ुशी इसलिए भी ज्यादा थी कि सानिया तुम उस तबके से आती हो जहाँ ऐसे कई लोग हैं जो खातूनो को सिर्फ परदे कि चादर में लपेटने कि पैरोकारी करते हैं.
वैसे तुम्हे कौर्ट में देखकर ख़ुशी सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि मेरे जैसे एक अरब से ज्यादा भारतीयों को भी हुई होगी. लेकिन सानिया बीते कुछ दिनों में ऐसा लगा कि तुम हम सबकी शर्मिंदगी की वजह बन रही हो. ऐसा नहीं कि शोएब या किसी पाकिस्तानी से शादी करने के तुम्हारे फैसले से हमें किसी तरह का ऐतराज़ है. तुम्हे अपनी जिन्दगी के हर फैसले करने का हक़ बिलकुल है. पर किसी महिला के जख्म कुरेदकर तुम्हे अपनी खुशियाँ तलाशने का हक़ बिलकुल नहीं है.
अगर तुम्हे पता था कि शोएब ने आयशा से शादी की थी तो तुम शोएब के फरेब की भागीदार क्यों बनी? तुमने क्यों मीडिया के सामने आकर अपनी सहेली और हमवतन आयशा के चरित्र को कटघरे में खड़ा किया? क्या तुम सब जानते हुए भी अनजान थी? अगर सब जानती थी तो तुम्हारे उस दावे का क्या कि 'हम इज्जतदार परिवार से ताल्लुक रखते हैं'.
मैडम सानिया अब आप बाहर आकार शोएब की पाकीजगी का बखान क्यों नहीं करती? क्या आपने अब मान लिया कि आप शहजादा शोएब कि दूसरी बेगम हैं? अब क्या करेंगी प्यार की मजबूरी क्या न करवा दे. खैर हमारी शिकायत पर आपको गौर करना चाहिए. शादी के लिए मुबारकबाद. दुआ करेंगे कि आयशा की दास्ताँ आपके साथ न दोहराई जाये.
Friday, April 9, 2010
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