श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर लाहौर हुए हमले ने पाकिस्तान के चेहरे से मासूमियत का नकाब फिर से उतार दिया है. पाकिस्तानी पंजाब सरकार को तो मुंबई पर हमला करने वाले दरिंदो की याद आ गयी. शायद पहले नहीं आयी थी क्यूंकि पहले निशाना लाहौर नहीं था.
कहने का मतलब यह है की पाकिस्तान कब तक पूरी दुनिया की आँखों में धुल झोंकता रहेगा. यह बात सही है किसी श्रीलंका के किसी खिलाडी की जान नहीं गयी. लेकिन जिस तरह से एक मेहमान टीम को बीच सड़क पर रोक कर गोलियां बरसाईं गयीं, वह वाकई खौफनाक था.
अब भी वक्त है की पाकिस्तान की सरकार कुछ ठोस करे नहीं तो इतनी देर हो जायेगी की पाकिस्तान के लिए अपना अस्तित्व बचाना भी मुस्किल हो जायेगा. उसे यह भी सोचना चाहिए अमेरका और चीन कब तक उसके आका बने रहेंगे.
कहने का मतलब यह है की पाकिस्तान कब तक पूरी दुनिया की आँखों में धुल झोंकता रहेगा. यह बात सही है किसी श्रीलंका के किसी खिलाडी की जान नहीं गयी. लेकिन जिस तरह से एक मेहमान टीम को बीच सड़क पर रोक कर गोलियां बरसाईं गयीं, वह वाकई खौफनाक था.
अब भी वक्त है की पाकिस्तान की सरकार कुछ ठोस करे नहीं तो इतनी देर हो जायेगी की पाकिस्तान के लिए अपना अस्तित्व बचाना भी मुस्किल हो जायेगा. उसे यह भी सोचना चाहिए अमेरका और चीन कब तक उसके आका बने रहेंगे.
तस्वीर: सौजन्य- बीबीसी
2 comments:
अफसोसजनक, दुखद और निन्दनीय घटना.
behd sharmnaak or dukhd....
Regards
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