पडोसी मुल्क पाकिस्तान आज पर हम पर धौस ज़माने की कोशिश में है। उसको लगता है की वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश को कूटनीतिक तौर पर घेर लेगा. यही वजह है की आजकल वह आपने दमन में लगी कालख को साफ़ करने की बजाय भारत की ओर एक रणनीति के तहत ऊँगली उठा रहा है.
पाकिस्तान का नया शिगूफा यह है की उसके मुल्क में भारत आतंकवाद को मदद दे रहा है। उसके पास इतना हिम्मत नहीं की इस झूठ को वह तेज आवाज में कह सके लेकिन वह हर स्तर पर इस प्रयास में है की भारत पर कीचड़ उछाल दिया जाये. पाक मीडिया की मानें तो पाकिस्तान ने भारत को रा के बारे में सबूत भी दे दिए हैं. यह बात अलग है को वे आधारहीन कथित सबूत हमारी सरकार को नहीं मिले हैं. ज्ञात हो कि रा हमारे देश की प्रमुख खुफिया एजेन्सी है.
सवाल यह है की 'खिसियानी बिल्ली' के माफिक रहने वाले पाकिस्तान में इतना दुस्साहस कहाँ से आया कि हमारे मुल्क और हमरी खुफिया एजेन्सी पर उंगली उठा रहा है? याद रहे कि अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ़ रजा गिलानी ने मिस्र के शहर शर्म-अल-शेख में मुलाकात की थी। दोनों की मुलाकात के बाद जो साझा बयान जारी किया गया उसमे बलूचिस्तान नाम का नया अध्याय जुड़ गया. यह पहली बार हुआ कि पाकिस्तानी के एक ऐसे सूबे का हमने जिक्र कर दिया जिसका हमसे कोई सरोकार नहीं है. जो लोग बलूचिस्तान में अपने हाथों में हथियार उठाये संघर्ष कर रहें हैं, भला हमने उनकी मदद कब की? इस बात को कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए की शर्म-अल-शेख में कोई न कोई ऐसी गलती जरूर हो गई जिससे अपंग पडा पाकिस्तान दौड़ने की कोशिश कर रहा है. मुंबई हमले के बाद वह मुहं छुपाते फिर रहा था और आज सीना तानने के प्रयास में हैं.
खैर, अपनी त्रुटी को मानते हुए पाकिस्तान के इस नए पाशे को समझाने की जरूरत है। ज्ञात रहे की पिछले वर्ष मुंबई में १० पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जो भीषण रक्तपात किया, उसके बाद से पाकिस्तान बैकफुट पर चला गया था. चौतरफा घिरे पकिस्तान ने यह पाशा मुंबई हमले के स्पष्ट दाग को धोने और भारत पर अनायास कीचड उछालने के मकसद से फेंका है.
अब सवाल यह है कि पाकिस्तान के पास कौन से ऐसे सबूत हैं जुनके बिना पर वह भारत की और उंगली उठा रहा है। दरअसल कुछ महीनों पहले बलूचिस्तान इलाके से कुछ कथित आतंकवादियों के पास से कथित तौर पर भारत में बने हथियार बरामद हुए थे. पाकिस्तान का यह दबी जुबान में कहना रहा है की बलूचिस्तान में भारत चिंगारी भड़का रहा है. अब वह सभवत: उन्ही बरामद हथियारों को अपना सबूत कह रहा है ताकि भारत को परेशान किया जा सके.
पकिस्तान की ओर से यहाँ तक कहा जा रहा है कि लाहौर में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर हमले के पीछे भी भारत का हाथ था। हालाँकि इसका कोई सबूत उसके पास नहीं है. पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से यह भी कहा गया है कि भारत कि खफिया एजेन्सी रा अफगानिस्तान में ट्रेनिंग कैंप चला रही है. जबकि पुरी दुनिया जानती है कि भारत अपने हर स्तर से अफगानिस्तान कि बेहतरी के लिए काम कर रहा है. उल्टे पकिस्तान की खूंखार खुफिया एजेन्सी आईएसआई ने काबुल में भारत के दूतावास पर हुए आतंकवादी हमले की साजिश रची थी. इसके पुख्ता सबूत मिले थे. अब वाही पाकिस्तान हम पर आरोप मढ़ रहा है.
पाकिस्तान कि इस नयी चाल के पीछे दूरगामी नतीजे को ध्यान में रखकर बने गयी रणनीति छुपी है. इसे समझने कि जरूरत है. पाकिस्तान को यह बताना बहुत जरूरी है कि वह अपनी नापाक हरकतों पर पर्दा डालने के लिए भारत जैसे जिम्मेदार देश पर उंगली उठाने कि हिमाकत नहीं कर सकता.
1 comment:
अच्छा आलेख। बधाई।
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