Saturday, April 25, 2009

आजमगढ़ का कामरान


मैं जब आजमगढ़ में था तब वहां नाइट मैच देखने का बहुत शौक था। वहां मेरे कस्बे में नाइट मैच तीन दिनों तक चलता था। हम लोग तीनों दिन यह मैच रात भर जागकर देखते थे। उसी दौरान वहां नवादा गांव की टीम मैच खेलने आया करते थी। उसी टीम में एक गंेदबाज था कामरान खान।
आज वही कामरान महान गेंदबाज शेन वार्न की आंखों के तारे हो गए हैं। कामरान की कामयाबी पर मैं सिर्फ इसलिए नहीं खुश हूं कि वह आजमगढ़ के हैं बल्कि मेरी खुशी इसलिए भी ज्यादा है कि वह मुफलिसी से निकलकर इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उन्हें देखकर तब और भी अच्छा लगता है जब मैं यह सोचता हूं कि मेरे कस्बे के निकट एक खेत में बनी पिच से निकलकर एक लड़का डरबन के मैदान तक जा पहुंचा है।
वैसे आईपीएल की राजस्थान राॅयल्स टीम में कामरान का खेलना किसी सपने के सच होने जैसा जरूर है। मैं आजमगढ़ की सरजमीं पर पैदा हुआ हंू इसलिए पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि वहां हजारों ऐसे लड़के हैं जिनकी आंखों में कामरान जैसे ही सपने पल रहे हैं। अब कामरान ने उनके सपने देखने की ताकत को और भी मजबूत बना दिया है।
मुझे हमेशा इस बात की तकलीफ रहती कि यहां बहुत सारे लोगों के मन में आजमगढ़ की छवि सिर्फ आतंकवाद और अपराध के ईर्द-गिर्द है। कामरान जैसे नौजवानों ने कई मायनों में उस छवि को झुठलाया है और लोगों को मेरे जिले के बारे में फिर से सोचने पर मजबूर किया है।

2 comments:

Unknown said...

बहुत अच्छा एंगल उठाया है। कामरान के बारे में और भी अगर जानकारी जुटाकर लोगों को बांट सकें तो बेहतर होगा।

सस्नेह,
पंकज शुक्ल
मैनेजिंग एडीटर
ज़ी 24 घंटे छत्तीसगढ़

sharma said...

issme koi shaq ni hai ki ab bhartiya cricket per bade bade shahron ka kabza nhi raha. agr hum abhi tak ki best bhartiya team per nazar daale to saaf pata chal jata hai ki ye saare khiladi chhote chhote shahron se nikal kar aa rahe hain. aur itni kam age main kamran ne jo karke dikhaya hai wah bhartiya cricket ke swarnim bhawishya ke sapne ko aur majbooti deta hai.